शहीद देवेंद्र की चिता को आग देने वाली तीन साल की बेटी पूछ रही कब आएंगे पापा

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Published On February 11th, 2021 12:28 pm (Updated On May 20, 2021)

आगरा । तीन साल की मासूम बेटी वैष्णवी ने जब अपने पिता की चिता को आग लगाई तो वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखें गीली हो गईं। वैष्णवी को तो इस बात का भी अहसास नहीं था कि उसके पिता अब कभी लौटकर नहीं आएंगे और न ही यह पता था कि जिस चिता को वह आग दे रही है। उस पर कोई और नहीं बल्कि उसके ही पिता लेटे हैं ।

कासगंज में शराब माफिया के हमले में सिपाही देवेंद्र सिंह शहीद हो गए थे।  देवेंद्र आगरा जिले के नगला बिंदु गांव के रहने वाले थे। वह कासगंज में शराब माफिया मोतीराम के घर कुर्की का नोटिस चस्पा करने गए थे। उनके साथ दारोगा अशोक कुमार सिंह भी थे, शराब माफिया ने दोनों पर हमला बोल दिया और सिपाही देवेंद्र सिंह शहीद हो गए। दारोगा अशोक कुमार सिंह अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। देवेंद्र सिंह का  उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। वैष्णवी को तो अब भी यही लगता है कि उसके पापा उसके लिए  चॉकलेट लेकर आएंगे। उसे सिर्फ इतना पता है कि उसके पापा के हाथों में चोट लगी है। देवेंद्र ने अपनी छोटी बहन की शादी तय कर रखी थी। 2 मई को बहन की शादी थी, अभी 10 दिन पहले ही तो वह गांव आए थे। बहन की शादी की  तैयारियां भी तो देखनी थी।

अब देवेंद्र के पिता को यह चिंता खाए जा रही है कि उनकी बेटी के हाथ पीले कैसे होंगे.घर क ा इकलौता कमाने वाला चिराग अब बुझ चुका है। देवेंद्र की मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। एक बाप के लिए इससे बड़ा दुख और क्या होगा कि उसे अपने जवान बेटे की अर्थी को कंधा देना पड़ता है। काश मारने वाले को इस बात का अहसास होता कि वह एक साथ कितने लोगों को मार रहा है। काश वह यह समझ पाता कि उसके एक जुर्म की सजा कितने लोगों को भुगतनी पड़ती है, लेकिन यह काश, काश ही रह जाता है और अपने पीछे रोते-बिलखते परिजनों को छोड़ जाता है।

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