कानपुर । विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से एक बौद्ध धर्म माना गया है। इसके संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध ने परम सत्य, निष्पक्ष होकर जीना और मानव जाति को शांति का ज्ञान कराया था। महज 35 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने राजसी ऐशो आराम को छोड़ दिया था और आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर हो गए थे। गौतम बुद्ध ने कठोर तपस्या की थी जिसके बाद उन्हें बिहार स्थित बोधि वृक्ष के नीचे मोक्ष का मार्ग मिला और यहां से ही इन्हें बोध की प्राप्ति हुई। इसके बाद वह सिद्धार्छ से सन्यासी गौतम बुद्ध कहलाए। उन्होंने कई अनमोल वचनों से मानव जाति को प्रेरित किया है। उनके द्वारा दिए गए अनमोल वचन हर व्यक्ति को ज्ञान और जागरूकता के मार्ग पर ले जाता है। वे सभी इनके वचनों से प्रेरित होते हैं। तो आइए पढ़ते हैं गौतम बुद्ध के अनमोल वचन।
अगर आप अपना मार्ग नहीं बदलेंगे तो निश्चित ही आप वहां पहुंच जाएंगे जहां आप जा रहे हैं।
बिना स्वास्थ्य के जीवन बेकार है जो केवल मौत की छवि और पीड़ा की स्थिति के समान है।
मैं यह कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है। मैं हमेशा यह देखता हूं कि और क्या जाना बाकी है।
आपके विचार ही आपकी समस्या है आपका क्रोध नहीं। जैसे ही आप क्रोध के विचारों को छोड़ा देंगे तो क्रोध गायब हो जाएगा।
क्रोध को शांति से जीतो। बुराई को अच्छाई से जीतो। कंजूसी को दरियादिली से जीतो। असत्य बोलने वाले को सत्य बोलकर जीतो।
आप कितने भी पवित्र शब्द क्यों न पढ़ लें या बोल लें। जब तक इनका प्रयोग न किया जाए तब तक ये शब्द आपका कुछ भी भला नहीं कर सकते।
ध्यान के द्वारा आप ज्ञान प्राप्त करते हैं और बिना ज्ञान के आप अज्ञानी हैं। इस बात को अच्छे से जानों की क्या आपको आगे जाएगा औऱ क्या रोकेगा। केवल उस मार्ग को चुनो जो आपको बुद्धिमत्ता की और ले जाता हो।
अगर आपको मोक्ष पाना है तो आपको खुद ही मेहनत करनी होगी। आपको दूसरों पर निर्भर रहना बंद करना होगा।
अतीत पर ध्यान मत दो और ना ही भविष्य के बारे में सोचो। हमेशा अपने मन को वर्तमान क्षण पर ही केन्द्रित रखो।
हम सभी हर सुबह एक नया जन्म लेते हैं। ऐसे में हम आज क्या करेंगे ये सबसे अधिक मायने रखता है।