Salaam Venky Review: इस फ्राइडे रिलीज हुई है आपके दिल और दिमाग को झकझोर देने वाली कहानी के साथ सालमा वेंकी जिसमें मुख्य भूमिका में हैं विशाल जेठवा (Vishal Jethwa) और अभिनेत्री काजोल (Kajol) । जिसका मुख्य प्लॉट है एक माँ और बेटे के बीच का स्नेह, क्या एक माँ अपने बेटे को इच्छा मृत्यु की इजाजत दे सकती है? , और क्या यही इस फिल्म की मेन कहानी है, आइये जानते हैं इस रिवियू में ।
euthanasia (यूथनेसिया) यानि इच्छा मृत्यु पर आधारित एक बहुत ही भावुक कहानी लेकर आई हैं साउथ और हिन्दी फिल्मों में सपोर्टिंग कैरक्टर करने वाली एक्ट्रेस ‘रेवती’ । पर इस बार वो फिल्म को डाइरैक्ट कर रही हैं, रेवती को आपने फिल्मों में माँ के रोल में ज़्यादातर देखा होगा ।
फिल्म में मुख्य कैरक्टर यानि वेंकी के रोल में हैं विशाल जेठवा, जी हाँ वही विशाल जेठवा (Vishal Jethwa) जिनहोने अपने विलन वाले रोल में फिल्म मर्दानी 2 में जान फूँक दी थी, और उसके लिए विशाल को Filmfare Award for Best Male Debut का नोमिनेशन भी मिला था । और विशाल की माँ सुजाता के रोल में हैं काजोल जिनकी मच्योर एक्टिंग इस फिल्म की जान है ।
Salaam Venky Review: क्या है फिल्म की कहानी ?
वेंकी यानि विशाल (Vishal Jethwa) के कैरक्टर का जब जन्म होता है तभी डॉक्टर उनकी माँ सुजाता को बता देते हैं की वेंकी को एक प्रकार का muscle disorder है। जिसके वजह से उसके muscle cells एक समय आने के बाद बनने बंद हो जाएंगे और वेंकी 14-15 साल से ज्यादा जी नहीं पाएगा
। लेकिन फिर भी सुजाता बड़े ही प्यार और मच्योरिटी के साथ अपने बच्चे वेंकी को पालती है और विशाल 24 सालों तक जिंदा रहता है । लेकिन अपने आखिरी समय में वेंकी euthanasia (यूथनेसिया) यानि इच्छा मृत्यु चाहता है और अपने ऑर्गन डोनेट करना चाहता है पर उसकी माँ इसका विरोध करती है ।
फिल्म में लास्ट तक कैसे उसकी माँ यानि काजोल (Kajol) फाइट करती है की अपने बच्चे वेंकी को जिंदा रख पाए, और वेंकी की ऑर्गन डोनेट करने की इच्छा पूरी होती है या नहीं यही इस फिल्म की कहानी है ।
कास्टस की एक्टिंग कैसी है ?
वैसे तो फिल्म में मुख्य दो ही पात्र हैं वेंकी और सुजाता जिसका रोल विशाल (Vishal Jethwa) और काजोल (Kajol) ने निभाया है । पर इसके अलावा सपोर्टिंग कास्ट में आपको राहुल बोस, प्रकाश राज, राजीव खंडेलवाल और आमिर खान भी एक केमिओ रोल में दिख जाएँगे । सारे कास्ट ने बहुत ही बढ़िया काम किया है पर वेंकी और सुजाता के रोल में काजोल और विशाल कमाल लग रहे हैं ।
लास्ट में आते आते विशाल के डायलॉग कम हो जाते हैं क्यूंकी उनकी muscle disorder की वजह से वो बोल नहीं पाते और expression भी कम करने होते हैं पर फिर भी आँखों से विशाल ने जो एमोशन्स दिखाये हैं, उन्हें देखकर आप सच में सैकड़ों लोगों के साथ बैठकर भी रो देंगे ।
वहीं सुजाता यानि काजोल की ममता और बेटे को बचाने की उनकी फाइट देखकर आप कई सींस में उनके लिए खड़े होकर ताली बजाना चाहेंगे । ऐसी है दोनों मेन कास्ट की एक्टिंग। और हालांकि आमिर खान केमिओ रोल में हैं फिर भी उनका रोल इस फिल्म में बहुत महत्वपूर्ण है ।
किस वजह से फिल्म परेशान कर सकती है ?
वैसे एक्टिंग के तौर पे और परफॉर्मेंस के तौर पे आप इस फिल्म को 10 में से 100 नंबर दे सकते हैं पर स्क्रीनप्ले और execution की थोड़ी प्रोब्लेम दिखती है फिल्म में । और फिल्म का मेन मैसेज यानि ऑर्गन डोनेशन को जबर्दस्ती कई सींस में हाइलाइट किया जाना इस फिल्म को कमजोर बनाता है । एमोशल फिल्म में फ्रेश और नए बैक्ग्राउण्ड म्यूजिक सबसे अहम हिस्सा होता है पर सलाम वेंकी का म्यूजिक कहीं ना कहीं आपको निराश कर सकता है ।
हालांकि कई सालों बाद डैथ को celebrate न करके इससे जूझने वाली कहानी बड़े पर्दे पर आई है और इसे जरूर देखन चाहिए ।
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