Bhediya Review: Varun Dhawan फिल्म में बोलते हैं “ये भेड़िये ने मुझे ही क्यों काटा है ?”जो की फिल्म के trailer में भी था, इसका जवाब तो फिल्म के रायटर ही दे सकते हैं लेकिन कृति सेनन (Kriti Sanon), वरुण धवन (Varun Dhawan), अभिषेक बेनर्जी (Abhishek Benerjee), दीपक डोबरियाल (Deepak Dobriyal) और पॉलिन कबाक (Paalin Kabak) स्टारर फिल्म में क्या क्या है ये हम आपको बता सकते हैं ।
भेड़िया का तो पता नहीं भाई लेकिन वरुण धवन और नई चीज के नाम पर हॉलीवुड के सीन और थीम को कॉपी पेस्ट करने वाले हर बॉलीवुड के एक्टर और डाइरेक्टर को पागल कुत्ते ने जरूर काटा होगा । तभी एक अच्छे सोच के साथ शुरू हुई फिल्म को बिना मतलब फूहड़ जोक्स ने लगभग बर्बाद ही कर दिया है कई जगह स्क्रीनप्ले ऐसा है की आपको बीच फिल्म में उठकर पॉप्कॉर्न लेकर आने को मजबूर कर देती है । लेकिन कई मायनों में फिल्म Bhediya बहुत अच्छा भी लगेगा आपको और कई जगहों पर आप सोचेंगे की विकास के नाम पर जैसे सरकारों ने हमारा काटा है वैसे फिल्म ने भी ‘विषाणु’ के नाम पर हमारा काट ही लिया ।
मैं विकास और विषाणु की बात क्यूँ कर रहा हूँ ये मैं आपको आगे बटौंगा क्योंकि यही फिल्म का मेन प्लॉट है । तो चलिये शुरू करते हैं आज का review
Bhediya Film किस बारे में है ?
फिल्म ‘भेड़िया’ का बैक्ग्राउण्ड अरुणाचल प्रदेश का जंगल है। जब भी उस जंगल को कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो एक ऐसा विषाणु आ जाता है कि लोगों को पता ही नहीं चलता है कि अब उस विषाणु से मुक्ति कैसे मिले। और इस फिल्म में इस विषाणु का शिकार हुये हैं ‘वरुण’ (Varun Dhawan) यानि भास्कर जो की अपने कजन जेडी यानि अभिषेक बेनर्जी (Abhishek Benerjee) और अपने दोस्त जोमीन के साथ अरुणाचल प्रदेश में रोड बनवाने का कांट्रैक्ट लेते हैं और जंगल में रह रहे गाँव वालों को मनाने के लिए दिल्ली से निकाल पड़ते हैं ।
लोकल ट्रायबल्स को मनाने के दौरान ही एक रात भास्कर को एक भेड़िया काट लेता है फिर उनके अंदर भेड़िये की capabilities आनी शुरू हो जाती हैं, भास्कर फिर हर रात भेड़िये में बदलता है और किस तरह से फिर भास्कर उसका कजन और जानवरों की डॉक्टर अनिका यानि कृति सेनन (Kriti Sanon) कैसे इस प्रोब्लेम की जड़ तक पहुँचते हैं यही फिल्म की मुख्य कहानी है जिसे पर्यावरण बचाव से लास्ट में जबर्दस्ती जोड़ दिया जाता है ।
क्सिने कैसी एक्टिंग की है ?
अगर एक्टिंग की बात करें तो वरुण धवन (Varun Dhawan) के पास इस फिल्म में करने को बहुत कुछ था पर उनसे ज्यादा कुछ हो नही पाता है, अभिषेक बेनर्जी के हर सीन दमदार हैं और उनकी कॉमिक टाइमिंग ही इस फिल्म के पहले हाफ को सफल बनाती है, कृति सेनन भी लगभग जितना भी स्क्रीन टाइम दिया गया है उसमें उन्होने ठीक थक काम किया है पर पांडा यानि दीपक डोबरियाल जैसे एक्टर से फिल्म में कुछ नहीं करवाना लॉजिकल नहीं लगता है, मेरे ख्याल से स्क्रीनप्ले और डायलोग्स थोड़े और बधियान होते तो फिल्म इस साल की सबसे ज्यादा कमाई कर सकती थी । Bhediya Review में अगर एक्टिंग में सबसे ज्याद नंबर किसिको दिये जा सकते हैं तो वो हैं अभिषेक ।
फिल्म का VFx Bhediya की जान है
अगर वीएफएक्स की बात करें तो फिल्म लाजवाब दिखती है, भेड़िये के रूप में वरुण के एक्शन sequence लाजवाब हैं । सारे स्पेशल एफ़ेक्ट्स फिल्म कमजोर स्क्रीनप्ले को लगभग छुपा लेते हैं । वरुण का भेड़िये में बदलने का सीन दमदार है । लेकिन हिमांचल जैसी खूबसूरत लोकेशन को थोड़ा और अच्छे से कैमरे में दिखाया जा सकता था और इसकी कमी जारोर आपको महसूस होगी । फिल्म की बैक्ग्राउण्ड को establish करने के कुछ बहुत ही अच्छे ड्रोन शॉट्स या लॉन्ग शॉट्स लिए जा सकते थे अपर इनकी कमी के कारण लगेगा नहीं की फिल्म अरुणाचल प्रदेश में शूट हुई है ।
फिल्म का थॉट लाजवाब है लेकिन इसे परदे तक पहुंचाने के लिए इस बार निर्देशक अमर कौशिक के पास फिल्म ‘स्त्री’ में उनके जोड़ीदार रहे राज और डीके नहीं है। इस बार निरेन भट्ट की इमेजिनेशन पर पूरा दारोमदार है और एक हॉरर यूनिवर्स की ये कहानी ‘रूही’ जैसे अंजाम को पहुंचती दिख रही है।
Bhediya Review में बस इतना ही, अगर आपको पता नहीं तो बता दूँ अमर कौशिक एक हॉरर यूनिवर्स बना रहे हैं जिसकी पहली फिल्म स्त्री थी दूसरी रूही और भेड़िया तीसरी फिल्म है ।
फिल्म पहले हाफ में काफी स्लो है और सेकंड हाफ में थोड़ी रफ्तार पकड़ती है और लास्ट का क्लीमैक्स इस फिल्म को शायद 100 करोड़ की लिस्ट में ला दे । भेड़िया मेरे ख्याल से बुरी स्क्रीनप्ले के बावजूद अच्छा कमा लेगी क्यूंकी अभी थिएटर में कोई दूसरी अच्छी फिल्म ‘दृश्यम 2’ के अलावा नहीं लगी है और ये फैमिली entertainer फिल्म है इस वजह से भी दर्शक काफी पसंद करेंगे ।